शब्द का अर्थ
|
अव्यभिचारी (रिन्) :
|
[सं० न० त०] १. जो व्यभिचारीत न हो। २. जो उचित या सत्मार्ग से इधर-उधर हटाया न जा सके। सदा ठीक और सच्चे रास्ते पर चलनेवाला, फलतः फला या पुण्यात्मा। ३. जो व्यभिचार (अर्थात् परस्त्री-गमन) न करे। सदाचारी। पुं० न्याय में, ऐसा हेतु जो साध्य और साधक दोनों से युक्त हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|